ऐसा कह देना चिंता से भी बड़ी बात है कि बच्चे बागी हो गए हैं । बागी होने का भाव यह है कि बच्चे आपके नियंत्रण में नहीं हैं । वे अपनी मनमर्जी से उठते हैं , मनमर्जी से स्कूल जाते-आते हैं , मनमर्जी से खेलते हैं । यहाँ-वहाँ घूमने मनमर्जी से जाते हैं । यानी कि आपका उन पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है । वे आपकी सुनते ही नहीं हैं । आप कुछ भी कह लें वे एक कान से सुनेंगे और दूसरे कान से निकाल देंगे । ये जीवन के बहुत कठिन क्षण हैं ।
यदि ऐसी स्थिति आ गई है तो आपको चौकन्ना हो जाना चाहिए । आपको सावधान होने की जरूरत है । आपको इस स्थिति से निपटने के लिए तैयार हो जाना चाहिए । यदि 10 और 15 साल के बीच की आयु में बच्चे आपका कहना नहीं मानते , मनमर्जी करते हैं , बागी हो गए हैं तो इस पर न केवल चिंतन करना जरूरी है बल्कि इसका समाधान खोज लेना भी जरूरी है ।
ऐसी बात नहीं है की आपके बच्चे आपके हाथ से निकल गए हैं । बागी होने का अर्थ यह है कि कुछ हद तक बच्चे अनियंत्रित हो गए हैं । आप निरंतर प्रयास करेंगे तो वे आपके नियंत्रण में आ जाएंगे । आपका कहना मानना शुरू कर देंगे । आपका मान सम्मान करना शुरू कर देंगे । लेकिन इसके लिए हमें निरंतर उन पर नजर रखनी होगी । निरंतर उनके साथ संवाद बनाए रखना होगा । यह कह देना कि बच्चे बागी हो गए हैं , ऐसे चिंता करने से कुछ नहीं होगा । समाधान खोजने से कुछ होगा ।
उन्हें अपने पास बुलाएं , अपने पास बिठाएं , उनके साथ प्यार जताएं और उनसे बातें कीजिए । उनका सुख-दुख जानिए । स्कूल में कैसा माहौल है इस पर बात करें । आपके अध्यापक कौन-कौन हैं , कैसे-कैसे हैं इस पर बात करें । होमवर्क के बारे में बात करें । उनकी उन सब बातों के बारे में बात करें जिससे वे प्रभावित होते हैं । धीरे-धीरे वे अपने भीतर का दुख , अपने भीतर की गलतफहमी जुबान पर ले आएंगे और आप उनके भीतर के अस्तित्व से परिचित हो जाएंगे । उनके दुख और सुख से परिचित हो जाएंगे । उनकी समस्या क्या है उससे परिचित हो जाएंगे ।
तब वे आपके स्नेह के साये तले होंगे और आप उनसे अपनत्व के साथ जो भी बात करेंगे वे बताएंगे । वे तब आपका कहना मानेंगे । बच्चों को जितना प्यार से अपना बनाया जा सकता है , जितना लाड-प्यार से अपने नजदीक लाया जा सकता है । वह उन्हें झिड़कने से , उन्हें सख्ती से धमकाने में , उन्हें शर्मिंदा करने से , उन्हें नीचा दिखाने से नहीं होगा ।
बच्चे केवल प्यार और दुलार की भाषा जानते हैं । जब वे बिगड़ैल हो जाते हैं तब आप यदि उनके सिर पर हाथ फेर कर बड़े प्यार से उन्हें अपने पास बिठाएंगे , उनके साथ प्यार जताएंगे तो वे बागी न होकर आपके गुलाम हो जाएंगे । गुलाम से मतलब वे आपके अपने हो जाएंगे ।
तब आप उनसे लाड़-प्यार से बातें कर सकते हैं । उनके दुख सुख की बातें कर सकते हैं । उनकी समस्या जान सकते हैं । वे धीरे-धीरे आपको वह सब बता देंगे जिसकी वजह से वे बागी हो गए थे । और तब जो अपनत्व आप उन पर लुटाएंगे वह अपनापन उन्हें एक नया बच्चा बना देगा । उन्हें एक नया आदमी बना देगा । और उनका बाग़ीपन धीरे-धीरे मिट जाएगा । समाप्त हो जाएगा और वे आपके प्यार के आगे स्वयं को समर्पित कर देंगे । एक बार फिर से वे आपके लाडले हो जाएंगे।
- राजकुमार निजात